न मिट्टी-न जमीन अब हवा में उगेंगी सब्जियां, हरियाणा में वर्टिकल फार्मिंग हो रही लोकप्रिय, खर्च ज्यादा, लेकिन प्रोडक्शन 4 गुणा अधिक
बंजर और गैर उपजाऊ जमीन हो, या फिर मिट्टी में आ गए हों जहरीले तत्व. अब न किसान को परेशान होने की जरूरत. न खाने वाले को यह चिंता करनी कि सब्जी किस तरह की मिट्टी में उगाई गई, क्योंकि अब सब्जी की खेती के लिए मिट्टी और जमीन की जरूरत ही नहीं है. हवा में ही सब्जी तैयार हो जाएगी.
वर्टिकल फार्मिंग से यह संभव हो रहा है हरियाणा में करनाल के घरौंडा के इंडो इजराइल सेंटर में. इस तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर अब किसानों को भी इसमें पारंगत किया जाएगा. इस साल किसानों को इस तरह की खेती के प्रति सेंटर की ओर से प्रोत्साहित किया जाएगा.
जिस तरह से जमीन कम हो रही है. जमीन में पोषक तत्वों की कमी हो रही है. इसका एक ही समाधान है, वर्टिकल फार्मिंग। यह भविष्य की खेती है. हरियाणा के वह इलाके जहां से की समस्या है, वहां वर्टिकल खेती से सब्जी आसानी से उगाई जा सकती है. सेंटर के इंचार्ज सुधीर यादव ने बताया कि ऊंची बिल्डिंग की तरह अब फसलों को भी इसी तरह से देखा जाना चाहिए. शुरुआत सब्जी की खेती से हो रही है. इसके लिए अभी बेल वाली सब्जी पर सफल प्रयोग किया गया है. इसमें घिया, लौकी, टमाटर, मिर्च, धनिया, खीरा, पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं.
कोकोपीट तकनीक से पौधे के लिए बेस तैयार किया जाता है. इसमें पौधे को जितने भी पोषक तत्व चाहिए, बस कोकोपीट के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं. यह पॉलिथीन के क्यारी नुमा पोर्टेबल बेस हैं. इसमें सब्जी को रोपित कर रस्सी या बांस के सहारे उसे ऊंचाई की ओर ले जाया जाता है. इस तरह से न जमीन की जरूरत होती, न मिट्टी की. यह बहुत ही आसान तकनीक है. थोड़े से प्रशिक्षण से किसान आसानी से अपने खेत में इस तकनीक से सब्जी की खेती कर सकता है.
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