Sat. Jul 27th, 2024

News India19

Latest Online Breaking News

वेस्ट मैटेरियल मैनेजमेंट में 2025 तक की संभावनाओं के सापेक्ष बनायी जा रही कार्ययोजना। पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिये किये गये कार्य व प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय

 

वेस्ट मैटेरियल मैनेजमेंट में 2025 तक की संभावनाओं के सापेक्ष बनायी जा रही कार्ययोजना।

पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिये किये गये कार्य व प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय

-मा0 न्यायाधीश/सदस्य,

आगरा.27.03.2024/ नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल, का गठन पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये किया गया है, जिसके अन्तर्गत देश के वन क्षेत्रों व भूमि, जल आदि को आने वाली पीड़ी के लिये संरक्षित करते हुए उपलब्ध कराना है। आगरा में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिये किये गये कार्य व प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय है। उक्त संबोधन मा0 न्यायाधीश/सदस्य, राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण/नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, डा0 अफरोज अहमद जी ने सर्किट हाउस सभागार में एनजीटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिया।

जिलाधिकारी द्वारा मा0 न्यायाधीश/सदस्य जी को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात नगर निगम व जनपद में नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल के परिप्रेच्क्ष में किये जा रहे प्रयासों व कार्यों से सम्बन्धित एक प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें अपर आयुक्त, नगर निगम श्री सुरेन्द्र यादव ने बताया कि लिगेसी वेस्ट मैटेरियल से आच्छादित लगभग 37 एकड़ के भू-भाग को खाली करा लिया गया है, जिसमें वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित प्लांट के साथ-साथ 100 टीपीडी गोबर से कम्पोस्ट खाद बनाने का प्लांट भी संचालित किया जा रहा है। उक्त के सम्बन्ध में मा0 न्यायाधीश/सदस्य ने एक इंटरपिटेशन ब्लॉक भी बनाये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि उसमें आम नागरिकों, छा़त्रों आदि को सॉलिड वेस्ट, लिगेसी वेस्ट, आर्गेनिक वेस्ट, वायोकेमिकल वेस्ट आदि के बारे में जानकारी के साथ-साथ उनके निस्तारण की चरणवार जानकारी दी जा सके। बैठक में हाउस होल्ड, वेस्ट मैटेरियल से सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया गया कि डोर-टू-डोर वेस्ट मैटेरियल का कलेक्शन किया जा रहा है। आगरा में प्रतिदिन नगर-निगम द्वारा लगभग एक हजार टन वेस्ट मैटेरियल एकत्रित किया जाता है, जिसमें लगभग 534 टन गीला कचरा व 466 टन सूखा कचरा एकत्रित किया जाता है, आवासीय क्षेत्रों से दिन में एक बार व व्यवसायिक क्षेत्रों से दिन में दो बार कचरा एकत्रित किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वार्ड में वेस्ट मैनेजमेंट के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 529 बच्चों को नामित किया गया है, जो कि अपने आस-पास के नागरिकों को जागरूक कर रहे हैं, इसके अलावा आमजन में जागरूकता फैलाने के लिये महिला समूहों को भी जोड़ा जा रहा है।

बैठक में सीवरेज व पेयजल से सम्बन्धित जानकारी देते हुए बताया गया कि जनपद में एक आकलन के अनुसार वर्तामान में 3.77 लाख आवास हैं, जो कि वर्ष 2025 तक 4.55 लाख आवास हो जायेंगे, इसको ध्यान में रखते हुए वर्तमान में उपलब्ध सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 188 एमएलडी से बढ़ाते हुए 2025 तक 406 एमएलडी करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में बताया गया कि अमृत योजनान्तर्गत 02 लाख घरों को सीवरेज कनेक्शन उपलब्ध कराकर योजना से लाभान्वित किया गया है, साथ ही साथ अमृत 2.0 के अन्तर्गत 1400 घरों को सीवरेज कनेक्शन देने के लिये स्वीकृत किया गया है। नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत सीईटीपी के प्लांट का कार्य तेजी से पूर्ण कराया जा रहा है, जो कि अगले वर्ष माह फरवरी में कार्य करने लगेगा, जिसके द्वारा कारखानों से निकला लिक्विड वेस्ट मैटेरियल को प्योरिफाई किया जायेगा।

बैठक में जिलाधिकारी श्री भानु चन्द्र गोस्वामी ने बताया कि नगरीय क्षेत्र के अलावा ग्राम पंचायत स्तर पर भी वेस्ट मैनेजमेंट अवेयरनेस के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं, साथ ही पंचायत राज विभाग द्वारा ग्राम पंचातों को वेस्ट मैटेरियल से मुक्त बनाने के लिये कार्य किया जा रहा है, इसी कड़ी में मॉडल ग्राम विकसित करने के लिये कार्य किया जा रहा है, जिसमें 05 हजार से ज्यादा की आबादी वाले क्षे़त्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मा0 न्यायाधीश ने निर्देश दिए कि पर्यावरण व वेस्ट मैटेरियल सेनेट्राइजेशन के प्रति अवेयरनेस बढ़ाने के लिये अधिक से अधिक कार्य किया जाये, साथ ही साथ इसका समाचार पत्रों व अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार भी कराया जाय।

बैठक में बताया गया कि जनपद आगरा के अन्तर्गत 02 वेटलैण्ड क्षेत्र अंगूठी व खेरागढ़ रेंज के नयाग्राम को अधिसूचित करने के लिये प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जनपद में कुल 65 वेटलैण्ड क्षेत्र हैं, जनपद के ददुआपुरा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से सिंचाई के लिये लिक्विड वेस्ट को प्योरिफाई कर दिया जा रहा है। ककरैठा वेटलैण्ड को भूगर्भ जल संचयन, वन आवरण में वृद्धि व जैविक विविधिता के संरक्षण के उद्देश्य से वायोडायवर्सिटी पार्क की स्थापना के लिये प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। बैठक में बताया गया कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जलीय जीवों के संरक्षण के लिये यमुना नदी में वायोडायवर्सिटी सर्वें कराया गया, जिसमें 06 प्रजाति के ऐसे कछुये मिले, जिन्हें अभी तक यमुना नदी में चिन्हित नहीं किया गया था।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) श्रीमती शुभांगी शुक्ला, मुख्य चिकित्साधिकारी श्री अरूण कुमार श्रीवास्तव, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग श्री आदर्श कुमार, अपर नगरायुक्त श्री सुरेन्द्र यादव सहित जिला पर्यावरण समिति के सदस्य एवं सभी संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

विज्ञापन 3

LIVE FM