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फेम का शू आर्टिसन प्रोग्राम आगरा की महिलाओं के लिये स्‍थायी आजीविका का निर्माण कर रहा है

फेम का शू आर्टिसन प्रोग्राम आगरा की महिलाओं के लिये स्‍थायी आजीविका का निर्माण कर रहा है

धनौली/ आगरा
आय फाइनेंस की स्‍थापना भारत में सूक्ष्‍म-स्‍तर के उद्यम वित्‍तीयन (एंटरप्राइज फाइनेंसिंग) को बदलने के मिशन के साथ हुई थी और इसने अपनी शुरूआत से अब तक 6,00,000 से अधिक सूक्ष्‍म उद्यमों को लोन प्रदान किये हैं। अये में हम सूक्ष्‍म-स्‍तर के व्‍यवसायों को सहयोग प्रदान करने में विश्‍वास रखते हैं, जोकि पिरामिड में सबसे नीचे होते हैं और गुणवत्‍ता के लिहाज से सामाजिक उत्‍थान का एक बेहतर चैनल होते हैं। जब सूक्ष्‍म उद्यम प्रगति करते हैं, तब अपने व्‍यवसाय के पारितंत्र पर उनका गुणात्‍मक असर होता है। जैसे कि इससे नौकरियों का सृजन होता है, बच्‍चों की शिक्षा को बेहतर बनाने में मदद मिलती है, स्‍वास्‍थ्‍य एवं सुरक्षा पर बेहतर जागरूकता पैदा होती है, और बेहतर पोषण प्रदान करने में सहायता मिलती है। अये ने आर्थिक ॠण की चुनौतियों को हल किया है और इसकी अपनी “गैर-लाभकारी’’ शाखा फेम “वित्‍तपोषण से आगे’’ की चुनौतियों को हल कर रही है।
फेम ने सूक्ष्‍म उद्यम के क्षेत्र के लिए उपलब्‍ध अवसरों और उसकी आकांक्षाओं के बीच की दूरी को कम करने का मिशन चुना है, क्‍योंकि सहयोगी सूक्ष्‍म उद्यम संयुक्‍त राष्‍ट्र के आधे से अधिक सतत् विकास लक्ष्‍यों के अनुसार प्रगति को बढ़ाते हैं। उसके कस्‍टमाइज्‍़ड प्रोग्राम्‍स न सिर्फ कौशल निर्माण कर रहे हैं, बल्कि असंगठित व्‍यवसायों के लिये नौकरियों के अवसर पैदा कर रहे हैं और उन्‍हें बेहतर बना रहे हैं।
फाउंडेशन ने 2019 में अपनी शुरूआत के बाद से जमीनी-स्‍तर के 50,000 से ज्‍यादा व्‍यवसायों पर बदलाव लाने वाला असर डाला है, जिनमें से 50% तो महिलाएं हैं। फेम डेयरी, किराना, शूज बनाने और खेल सामग्री बनाने के सेक्‍टर में अपने विशिष्‍ट दखल से इस क्षेत्र का क्षमता निर्माण कर रही है।
आगरा में फेम एक शू आर्टिसन (जूता कारीगर) प्रोग्राम चलाती है, जिसके तहत हाशिये पर खड़े और अल्‍पसंख्‍यक समुदायों की महिलाओं को जूता बनाने की तकनीकों, डिजाइन और खूबसूरती, गुणवत्‍ता नियंत्रण तथा व्‍यवसाय प्रबंधन में व्‍यापक प्रशिक्षण दिया जाता है।
आय फाइनेंस में कॉर्पोरेट इम्‍पैक्‍ट की हेड शीना सखुजा ने कहा, “फेम का शू आर्टिसन प्रोग्राम एक नई पहल है, जिसे महिलाओं को महत्‍वपूर्ण कौशल हासिल करने का एक मंच देने के लिये लॉन्‍च किया गया था, ताकि उन्‍हें आजीविका के अवसर मिलें और वे आर्थिक आजादी पा सकें। आगरा में महिलाओं से मिली प्रतिक्रिया बड़ी प्रोत्‍साहक रही है और हम खुद के तथा अपने परिवार के बेहतर जीवन के लिये नए कौशल सीखने को लेकर उनकी प्रतिबद्धता देखकर बहुत प्रभावित हैं। फेम को उनकी आकांक्षा पूरी करने में सहयोग देने की खुशी है।”
इस प्रोग्राम के माध्‍यम से, महिलाओं को नियमित रोजगार मिल रहा है और वे न सिर्फ अपना कौशल बढ़ा रही हैं, बल्कि नियमित आय भी कमा रही हैं। महिलाओं को ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म्‍स पर भी अपने उत्‍पाद बेचने के लिये सहयोग दिया जाता है, जिससे उनकी अतिरिक्‍त आय होती है और साथ ही डिजिटल मार्केटिंग के कौशल सिखाए जा रहे हैं। फेम तकनीकी कौशल के अलावा महिलाओं के लिये उद्योग से संपर्क की व्‍यवस्‍था भी करती है, ताकि उनका व्‍यावहारिक ज्ञान बढ़े, आत्‍मविश्‍वास बढ़े और उनका परिचय फुटवियर उद्योग में कॅरियर के संभावित विकल्‍पों से हो सके।
फेम नौकरी के और आय कमाने के ज्‍यादा से ज्‍यादा अवसर निर्मित करने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और महिलाओं की एक बड़ी आबादी के लिये सार्थक दखल देना जारी रखेगी और तरक्‍की में उनकी साथी बनेगी।

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