बिजली का निजीकरण का उड़ीसा मॉडल फेल मॉडल – सिस्टम सुधार संगठन (किसान),,, बिजली के निजीकरण के खिलाफ मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) महोदय दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा को माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश सरकार के नाम तथा छात्रों की समस्याओं को लेकर कुलपति महोदया डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा को धरना प्रदर्शन करते हुए सौंपा ज्ञापन,,, आपको बता दें कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में बिजली का निजीकरण करने का फैसला किया है, तथा इसकी तैयारी भी पूरी तरह से कर ली गई है, आने वाले कुछ माह में ही 42 जिलों की बिजली पूरी तरह से निजी कंपनियों के हाथ में होगी, जो की गांव गरीब किसान मजदूरों तथा मध्यम वर्ग का शोषण करेंगी तथा अपनी मनमानी करेंगी एवं महंगे दामों पर बिजली बेचेंगी तथा प्रीपेड मीटर के नाम पर फोन रिचार्ज की तरह मीटर रिचार्ज कराये जाएंगे, इसका मतलब यह हुआ कि जिसके पास पैसा होगा वह बिजली का प्रयोग करेगा जिसके पास पैसा नहीं होगा वह बिजली से वंचित रहेगा इसका दुष्परिणाम यह भी होगा कि आने वाले समय में विद्युत विभाग में कोई भी किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं होगा, क्योंकि जब विद्युत सरकारी विभाग ही नहीं होगा तो विद्युत विभाग में जूनियर, सीनियर इंजीनियरों तथा संविदाकर्मियों तथा अन्य प्रकार कर्मचारियों की जो भर्ती हुआ करती थी वह भी पूरी तरह से बंद हो जाएंगी अर्थात भविष्य में लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे तथा जो छात्र इंजीनियरिंग की पढ़ाई पढ़ते हैं वह भी विद्युत विभाग में कभी भी सरकारी पद पर कार्य नहीं कर सकेंगे वह प्राइवेट कंपनियों में काम करेंगे तथा उनके शोषण को झेलेंगे । ज्ञापन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी को अवगत कराया जा रहा है कि सिस्टम सुधार संगठन (किसान) निजीकरण के खिलाफ है, क्योंकि इससे गांव गरीब किसान मजदूरों तथा मध्यम वर्ग का शोषण होगा एवं विद्युत विभाग के सम्मानित कर्मचारियों द्वारा जो निजीकरण के खिलाफ जो आंदोलन किया जा रहा है उसमें सिस्टम सुधार संगठन ) किसान) का पूर्ण सहयोग है एवं समर्थन है, क्योंकि विद्युत सम्मानित कर्मचारी भी भविष्य में होने वाले दुष्परिणामों को देखते हुए ही धरना प्रदर्शन तथा आंदोलन कर रहे हैं, यदि निजीकरण वापस नहीं लिया गया तो संगठन बड़ा आंदोलन करेगा । इसके साथ ही छात्रों की विभिन्न समस्याओं को लेकर डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति महोदया आसू रानी जी को ज्ञापन सोपा गया तथा ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि विश्वविद्यालय कैंपस में दाखिला लेने के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में जो विद्यार्थी प्रतिभाग करते हैं, उनकी कॉपियां सही ढंग से चेक नहीं की जाती है तथा इसके चलते किसान मजदूरों के बच्चे कैंपस में एडमिशन नहीं ले पाते हैं एवं जिन छात्रों ने कैंपस एवं अलग-अलग कॉलेज से जो भी शिक्षा प्राप्त की है उनकी मार्कशीट तथा डिग्रियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही है जिसको चलते जिसके चलते छात्र आगामी विषयों तथा कक्षाओं में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं, तथा जिन छात्रों को मार्कशीट एवं डिग्रियां दी भी गई है उनकी मार्कशीट या फिर डिग्री पर नाम गलत है या फिर पिता का नाम गलत है या फिर फोटो नहीं लगे आ रहे हैं, जिसके चलते छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, संगठन द्वारा कुलपति महोदया से यह भी कहा गया कि छात्रों की समस्याओं को देखते हुए तथा लंबे समय से विश्वविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं उसे भी तत्काल प्रभाव से कराएं, कुलपति महोदया ने आश्वस्त किया कि बहुत जल्द जिस भी छात्र की जो भी समस्या है उसका समाधान किया जाएगा साथ ही बहुत जल्द छात्र संघ के चुनाव भी कराए जाएंगे, संगठन द्वारा भी स्पष्ट रूप से कहा गया कि यदि ऐसा नहीं होता है तो सिस्टम सुधार संगठन (किसान) बहुत जल्द कैंपस में बड़ा आंदोलन करेगा जिसके जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी । ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से सिस्टम सुधार संगठन (किसान) के प्रदेश अध्यक्ष अंशुमन ठाकुर, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी कुशलपाल सिंह (नादऊ), प्रदेश उपाध्यक्ष रामवीर सिंह, प्रदेश महामंत्री मोहम्मदआरिफ किदवी, प्रदेश कार्यकारी सदस्य मुकेश सिसोदिया, मंडल उपाध्यक्ष भानु ठाकुर, मंडल उपाध्यक्ष पवन सिसोदिया, जिला संरक्षक हुकुम सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष टिंकू पुंडीर, जिला महामंत्री लोकेंद्र यादव, जिला महामंत्री मीनू उस्मानी, तहसील अध्यक्ष योगेश ठाकुर, मीडिया प्रभारी हेमंत ठाकुर, कार्यालय प्रभारी जयवीर सिंह, डॉ. वीरपाल सिंह, शाहरुख खान, शिव कुमार सिंह, सौरभ शर्मा गुड्डू सिंह, अमर सिंह चौहान, प्रताप सिंह आदि समस्त सम्मानित किसान सरदारी उपस्थिति रही ।
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