नई दिल्ली, संजय मिश्र। अमेरिका ने भारत से कहा है कि वो ईरान के साथ मौजूदा जंग की तनातनी को घटाने के पक्ष में है। खाड़ी में जंग के मंडराते बादलों के बीच ईरान से तनाव घटाने का यह स्पष्ट संकेत अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हुई बातचीत में दिया। एस्पर ने गुरूवार को फोन पर खाड़ी के हालात को लेकर राजनाथ सिंह से हुई अपनी बातचीत में अमेरिका के इस अहम कूटनीतिक रुख से भारत को अवगत कराया। रक्षामंत्री ने जापान के रक्षामंत्री तारो कोने से भी ईरान संकट समेत दोनों देशों के रणनीतिक हितों को लेकर फोन पर उनसे बातचीत की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बुधवार को ईरान के मिसाइल हमले पर दी गई प्रतिक्रिया में तनाव घटाने के कुछ संकेत जरूर दिए थे मगर ट्रंप प्रशासन की ओर से आधिकारिक रुप से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इस लिहाज से अमेरिका के इरादों के बारे में एस्पर का राजनाथ सिंह से जाहिर किया गया रुख वैश्विक कूटनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
खाड़ी में शांति और स्थिरता के लिए अमेरिका तैयार
सूत्रों के अनुसार एस्पर ने राजनाथ से खाड़ी के हालातों विशेषकर ईरान के साथ चल रहे जबरदस्त तनावपूर्ण परिस्थितियों पर बातचीत की। इसी दौरान एस्पर ने राजनाथ सिंह को बताया कि ईराक में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद भी अमेरिका खाड़ी में शांति और स्थिरता के लिए ईरान से तनाव घटाने को तैयार है।
राजनाथ और एस्पर दोनों ने इस दौरान भारत और अमेरिका के खाड़ी में हितों पर भी चर्चा की। जाहिर तौर पर राजनाथ सिंह ने अमेरिका के इस रुख से सहमति जताते हुए एस्पर से कहा कि भारत बेशकईरान से तनाव घटाने की पहल का पूरा समर्थन करता है और इस दिशा में हर प्रयास किया जाना चाहिए। ईरान के साथ भारत की पुरानी मैत्री है और पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत खाड़ी देशों पर ही निर्भर है।
बेहद सकारात्मक है अमेरिका की ये इच्छा
ईरान से तनाव घटाने की अमेरिका की जताई गई इच्छा न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया विशेषकर खाड़ी देशों के लिए बेहद सकारात्मक है। भारत के करीब 70 लाख लोग खाड़ी देशों में रोजगार कर रहे हैं जो हर साल अपनी कमाई के अरबों डालर देश में भेजते हैं।
भारत और अमेरिका के आपसी रिश्तों को बढ़ाने का भी जिक्र
एस्पर ने इस क्रम में बीते महीने अमेरिका में भारत-अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों के आपसी रणनीति रिश्तों को आगे बढ़ाने पर हुई चर्चा का भी जिक्र किया। राजनाथ सिंह ने एस्पर से फोन पर हुई अपनी बातचीत को लेकर ट्वीट में केवल इतना कहा कि अमेरिकी रक्षामंत्री ने उन्हें खाड़ी के मौजूदा हालातों को लेकर जानकारी दी। जबकि उन्होंने इस पर भारत की चिंता और इस क्षेत्र में अपने हितों से एस्पर को रुबरू कराया। राजनाथ के मुताबिक इस दौरान दोनों ने भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता दोहरायी।
जापानी रक्षामंत्री तारो कोनो से भी राजनाथ सिंह की फोन पर हुई चर्चा में खाड़ी के हालत पर बात हुई। दोनों रक्षा मंत्रियों ने खाड़ी में भारत और जापान के संयुक्त हित को लेकर भी आपसी सहयोग पर बात की। भारत की तरह जापान भी खाड़ी देशों से तेल आयात करता है। इस दौरान भारत-जापान के रक्षा संबंधों और सुरक्षा सहयोग को भी आगे बढ़ाने पर बात हुई
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