नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। Delhi Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए विधिवत चुनाव प्रचार शुरू होने में अभी समय है। इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हिदायत दी है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान शब्दों के चयन में सावधानी बरतें।
वर्ष 2017 में गाेवा विधानसभा चुनाव के दौरान रिश्वत को लेकर दिए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह एक विशिष्ट आरोप था और यह उचित नहीं था। सीएम अरविंद केजरीवाल की चुनौती याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने साथ ही सुझाव दिया कि दिल्ली के आगामी चुनाव में सामान्य बयान दें। पीठ ने हालांकि, इस दौरान आम आदमी पार्टी के संरक्षक केजरीवाल की तरफ से पेश किए गए बयान की पुष्टि करने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि कोई भी अदालत यह नहीं बता सकती है कि चुनाव के प्रचार के दौरान क्या सही बयान होगा। पीठ ने कहा कि एक अदालत सिर्फ बयान देने के बाद यह बता सकती है कि उक्त बयान गलत था या नहीं।
निर्वाचन आयोग द्वारा वर्ष 2017 में दिए गए दो आदेशों को चुनौती देने वाली केजरीवाल की चुनौती याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि अदालत की तरफ से यह समर्थन नहीं हो सकता है कि आप क्या कह सकते हैं। पीठ ने कहा कि आप भविष्य में ऐसा कोई विशिष्ट बयान नहीं दीजिएगा जैसा आपने पिछली बार दिया था। पीठ ने कहा कि गोवा चुनाव के दौरान दिया गया बयान उचित नहीं है क्योंकि उसमें कुछ विशिष्ट आरोप थे। पीठ ने कहा कि ऐसा बयान दीजिए जो विशिष्ट नहीं हो। हालांकि, पीठ ने मामले में कोई आदेश तब नहीं दिया जब केजरीवाल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने इस पर दोपहर बाद सुनवाई की मांग की। पीठ ने इस पर मामले की सुनवाई को 24 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया।
वर्ष 2017 में निर्वाचन आयोग ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक आदेश जारी कर ऐसे बयान देने पर चेतावनी दी थी और कहा कि ऐसा बयान दोबारा देने पर उनके व उनकी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं दूसरे आदेश में निर्वाचन आयोग ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था। गोवा में चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल ने 8 जनवरी 2017 को जनता से कहा था कि वे कांग्रेस-भाजपा से रिश्वत ले लें और वोट आम आदमी पार्टी को करें। भाजपा ने इस बयान पर केजरीवाल के खिलाफ दो शिकायत कर उनके खिलाफ विभिन्न कानून के तहत कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल की 2017 में गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे बयान दिए थे, जिस पर जमकर हंगामा हुआ था। इसके बाद यह मामला कोर्ट पहुंच गया। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने माना कि केजरीवाल द्वारा गोवा विधानसभा चुनाव 2017 में दिया गया बयान सही नहीं था, ऐसे में उन्हें कोर्ट ने सुझाव दिया है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान सही शब्दों को चयन करें।
यह कहा था केजरीवाल ने
गोवा विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान केजरीवाल ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आप लोग दूसरी पार्टियों से बेशक पैसे ले लें लेकिन वोट आम आदमी पार्टी को करें। इसके अलावा उन्होंने विपक्षी नेताओं पर रिश्वतखोरी का आरोप भी लगाया था।
चुनाव आयोग के बाद यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया। भारतीय जनता पार्टी ने इस बाबत दिल्ली कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस बार का चुनाव पिछले चुनाव के मुकाबले काफी रोचक होने वाला है। जहां आम आदमी पार्टी को अपनी पिछली सीटों को बचाने की चुनौती है वहीं कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को अपनी खोई जमीन पाने का मौका है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर दिल्ली की जनता किसको पंसद करती है।
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