जनपद में 01 जुलाई 31 जुलाई तक चलेगा संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान, जनपद स्तरीय अंतर्विभागीय जूम बैठक संपन्न
संचारी रोग नियंत्रण अभियान में पहली बार फूड सेफ्टी एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग को भी अभियान से जोड़ा गया है जो खाद्य एवं पेय पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा अधोमानक खाद्य पदार्थों, विशेषकर खुले हुए खाद्य पदार्थ आदि के प्रति करेगा नियंत्रण एवं जागरूकता के कार्य
आगरा.22.06.2024.आज मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह जी की अध्यक्षता में,जनपद में 01 जुलाई से प्रारंभ होने जा रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा बैठक ज़ूम के माध्यम से संपन्न हुई।बैठक में बताया गया कि जनपद में 01 जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा 11 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलेगा। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी संबंधित विभागों से माइक्रो प्लान के अनुसार सभी गतिविधियां संचालित करने तथा अभियान से संबंधित स्कूल/कॉलेज,सभी सरकारी कार्यालयों, में शपथ दिलाने, संचारी रोगों के प्रति विभिन्न माध्यमों से जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
आशा कार्यकत्रियों द्वारा दस्तक अभियान के अंतर्गत हाउस होल्ड विजिट करने तथा समस्त गतिविधियों को संबंधित पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि ग्राम्य विकास/पंचायती राज विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई अधिक मच्छर / लार्वा घनत्व वाले क्षेत्र के आधार पर मच्छर नियंत्रण गतिविधियो का संचालन,ग्रामों में लार्वीसाइडल स्प्रे गतिविधि,क्षेत्रों में वेक्टर जनित रोगों, जल रोगों तथा दस्त रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु प्रचार-प्रसार यथा ग्राम निगरानी समितियों के माध्यम से
विशेष बैठकों के माध्यम से
स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना,उथले हैण्डपम्प को लाल रंग से चिन्हीकरण एवं इण्डिया मार्का हैण्डपम्प मरम्मत,नालियों की साफ-सफाई,जलभराव का निस्तारण,ग्रामवासियों के सहयोग से श्रमदान द्वारा झाड़ियों की कटाई।आबादी के बीच वाले तालाबों को अपशिष्ट / प्रदूषण मुक्त रखना।
शौचालय के प्रयोग के विषय में निरंतर जागरूकता,ग्राम को खुले में शौच से मुक्त (ODF) रखना, बैठक में नगर विकास विभाग द्वारा उक्त अभियान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई अधिक मच्छर लावों घनत्व वाले क्षेत्रों की सूचना के आधार पर मच्छर नियंत्रण गतिविधियो का संचालन नगरीय क्षेत्रों में लार्वीसाइडल स्प्रे तथा फॉगिंग की गतिविधि,मच्छरजनक स्थितियां पैदा करने वाले व्यक्तियों / संस्थानों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही विषयक उपविधि लागू करना।विभाग के कूड़ा वाहनों से माइकिंग एवं विभागीय एल०सी०डी० पैनल्स के माध्यम से मोहल्ला निगरानी समीतियों के माध्यम से स्थानीय पार्षद द्वारा विशेष बैठकों के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना,पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु यूजर एंड पर पेयजल की बैक्टीरियोलॉजिकरण,बायोलॉजिकल एवं बायोकेमिकल जांच,उथले हैण्डपम्प का लाल रंग से चिन्हीकरण; इण्डिया मार्क 2 हेण्डपम्प प्लेटफार्म की मरम्मत,नालियों की साफ-सफाई / खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था करना,जलभराव का निस्तारण,आबादी क्षेत्र के निकट झाड़ियों की कटाई,शौचालय के प्रयोग के विषय में निरंतर जागरूकता नगरीय क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त (ODF) रखना,आई0सी0डी0एस0 विभाग द्वारा दस्तक अभियान में विभिन्न गतिविधियाँ जैसे कुपोषित बच्चों की पहचान एवं उपचार आशा एवं ए०एन०एम० कार्यकत्रियों के सहयोग से अपने क्षेत्र में संवेदीकरण,स्टॉप डायरिया कैंपेन के अंतर्गत अतिरिक्त गतिविधियाँ,आंगनवाड़ी केंद्र पर ओआरएस तथा जिंक टेबलेट हेतु डिपो की व्यवस्था, दस्त रोग के दौरान ओआरएस और जिंक टेबलेट के उपयोग पर जनमानस का संवेदीकरण पिछले 3-4 माह के दौरान डायरिया से प्रभावित 5 साल से कम उम्र के बच्चों (आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित) की सूची बनाकर एचआरपी और एचआरजी की पहचान में मदद करना। शिक्षा विभाग द्वारा भी सभी विद्यालयों में स्वास्थ्य नोडल अध्यापक चिन्हित कर जनपद तथा राज्य स्तर पर डायरेक्टरी तैयार किया जाना। विद्यालयों में रोगों से बचाव, व्यक्तिगत एवं पर्यावरणीय स्वच्छता हेतु प्रचार प्रसार सामग्री का प्रदर्शन,शिक्षकों द्वारा अभिभावकों तथा छात्रों का वेक्टर जनित रोगों, जल जनित रोगों तथा दस्त रोग से बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु संवेदीकरण पोस्टर प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, क्विज प्रतिस्पर्धा, निबंध लेखन इत्यादि माध्यमों से छात्रों को रोगों से बचाव, पर्यावरणीय स्वच्छता एवं व्यक्तिगत स्वच्छता के विषय में सक्रिय सहभागिता के साथ जागरूक करना,क्लोरिनेशन डेमो, पेयजल को उबालना, साबुन से हाथ धोना, शौचालय का प्रयोग इत्यादि के विषय में छात्रों एवं अभिभावकों को जागरुक करना।अभिभावकों को प्रेरित करना कि यूनिफॉर्म हेतु उपलब्ध करायी गयी धनराशि का उपयोग कर फुल आस्तीन की शर्ट तथा पूरी लेंथ की पेंट ही यूनिफॉर्म के रूप में खरीदी जाए,विद्यालयों में जलभराव की स्थिति को रोकने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं,छात्र/छात्रों के बुखार, दस्त इत्यादि से पीड़ित होने अथवा लम्बे समय तक विद्यालय से अनुपस्थित रहने की स्थिति में स्थानीय एएनएम अथवा
प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी अधिकारी को सूचित करना
स्टॉप डायरिया कैंपेन के अंतर्गत
विद्यालयों में शौचालयों की साफ सफाई तथा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना,विद्यालयों में स्थापित वाटर टैक्स की साफ सफाई सुनिश्चित करवाना।
कृषि एवं उद्यान विभाग अभियान के अंतर्गत सार्वजानिक स्थलों पर मच्छर रोधी पौधों का उगाया जाना,विभागीय पौधशाला से मच्छर रोधी पौधे तथा बीज उपलब्ध कराना।आबादी वाले क्षेत्रों में कृन्तक नियंत्रण के प्रभावी एवं सुरक्षित उपायों के विषय में जानकारी उपलब्ध कराना की कार्यवाही करेगा।
सिंचाई विभाग द्वारा भी विभिन्न गतिविधियों को संचालित किया जाएगा जैसे जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने तथा सिंचाई के वैकल्पिक उपायों पर अपनी तकनीकी सलाह देना।नहरों तथा तालाबों के किनारे उगी वनस्पतियों को प्रत्येक पखवाड़े हटाना।आबादी क्षेत्रों के निकट नहरों में जल-क्षरण की मरम्मत करना ताकि मच्छर के प्रजनन के स्थान कम से कम रहें।स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अभियान में उच्च रोगभार वाले ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर खुले में शौच से मुक्त करना।जनमानस को शौचालय के प्रयोग के विषय में जागरूक करना।पशुपालन विभाग द्वारा सूकर पालकों को अन्य व्यवसाय जैसे पोल्ट्री उद्योग को अपनाने हेतु जागरूक एवं प्रेरित करना।सूकर पालन स्थल पर वेक्टर नियंत्रण एवं सीरो सर्विलेन्स की व्यवस्था करना।यथासंभव पशु बाड़े मानव आबादी से दूर स्थापित करवाना।सभी प्रकार के पशु बाड़ों की स्वच्छता, कचरा निस्तारण तथा मच्छररोधी जाली के प्रयोग हेतु पशु पालकों का संवेदीकरण करेगा। बैठक में बताया गया कि इस बार फूड सेफ्टी एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग को भी अभियान से जोड़ा गया है जो खाद्य एवं पेय पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा अधोमानक खाद्य पदार्थों, विशेषकर खुले हुए खाद्य पदार्थ जैसे बेकार सड़े हुए फल-सब्जी इत्यादि की बिक्री; को रोकना,असुरक्षित तरीके से तैयार किए जा रहे ताजा फलों, गन्ने के जूस इत्यादि पर नियंत्रण करना आदि गतिविधियां संचालित करेगा। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी को माइक्रो-प्लानिंग फॉरमैट्स पर कार्ययोजना तैयार कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर उपलब्ध कराने,कार्ययोजना के अनुसार सभी गतिविधियाँ संचालित करने,01 जुलाई को सभी कार्यालयों एवं विद्यालयों में शपथ ग्रहण कराने, अभियान से संबंधित,साप्ताहिक रिपोर्ट प्रत्येक सोमवार तक एवं अंतिम रिपोर्ट 05 अगस्त तक राज्य मुख्यालय प्रेषित करना सुनिश्चित करने, तथा सभी संबंधित विभागीय नोडल अपने अपने विभाग की गतिविधियों का सुपरविजन एवं प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव, डॉ. संजीव वर्मन, एएमओ नीरज कुमार, डीपीएम कुलदीप भारद्वाज यूनिसेफ से राहुल कुलश्रेष्ठ सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।
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