।। नदारद होने पर होगी कार्रवाई हॉस्पिटल पंजीकरण के बाद ।।
गोरखपुर, जिले में अब हॉस्पिटल पंजीकरण के बाद नाम पर खेल नहीं हो पाए सकेगा ।पंजीकरण कराकर दूसरे जगह नौकरी नहीं कर पाएंगे उन्हें अब पंजीकृत अस्पताल में ही सेवाएं देनी होंगी इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग संजीदा हुआ है अब हर अस्पताल की जांच के में अस्पताल के पंजीकरण में दर्ज डॉक्टर की पहचान भी की जाएगी। उसके मौजूदा मौजूदगी की भी जांच होगी ।डॉक्टर अगर कहीं और कार्य करते मिले तो उनके खिलाफ नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। इसकी सूचना नेशनल मेडिकल काउंसिल नएमसी को भी देगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएमओ डॉ आशुतोष दुबे का कहना है कि वह शनिवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे भटहट क्षेत्र के सत्यम अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद विभाग निशाने पर आ गया। उन्होंने कहा कि सभी तहसीलों में पंजीकृत अस्पताल, डायग्नोस्टिक, सेंटर, पैथोलॉजी, सेंटर अल्ट्रासाउंड सेंटर ,की सूची चस्पा रहेगी ।वहां से पंजीकृत अस्पतालों की जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि कुछ अस्पतालों में डॉक्टरों ने शपथ पत्र दिया था कि वह अस्पताल में मौजूद रहेंगे। और नर्सिंग होम एसोसिएशन को भेजा गया। पत्र सीएमओ ने नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव को पत्र लिखा उन्होंने थी और मुख्य द्वार पर प्रदर्शित करें। पीसीपीडीटीपी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत सेंटर पर चिकित्सक का फोटोग्राफ भी अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर लगाएं । उन्होंने सभी चिकित्सक अधीक्षकों को पत्र लिखा जिसमें तहसील वार पंजीकृत सेंटरों की सूची भेजी है उन्होंने पीएचसी प्रभारियों से अस्पतालों के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया है बड़हलगंज कस्बे में चल रहे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की । विभाग की टीम ने 4 अस्पतालों की जांच की गई जांच करने वाली टीम की उन्होंने बताया कि सबसे पहले मां शांति हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया। अस्पताल में कोई चिकित्सक उपस्थित नहीं था जबकि 10 मरीज भर्ती मिले। ओमकार हॉस्पिटल अस्पताल पाया गया चिकित्सक भी उपस्थित मिले दोनों अस्पतालों को व्यवस्था के लिए नोटिस जारी किया गया जा रहा है। इसके बाद टीम यीशु हॉस्पिटल पहुंचे हॉस्पिटल में कोई मरीज भर्ती नहीं मिला ओम साईं हॉस्पिटल का भी निरीक्षण किया गया।
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