
वार्ड 67 कैलाशपुरी क्षेत्र गढ़ रोड राकेश पार्षद के अंडर आता है राकेश पार्षद को नहीं दिखता है और ना ही जल निगम अधिकारियों को नौचंदी गांधी आश्रम चॉप्ले के बिल्कुल सामने यह दो गड्ढे खोदकर डाल रखे हैं इसमें अनहोनी होने का अंदेशा है कोई भी हादसा किसी भी वक्त हो सकता है किसी की भी जान जा सकती है और ना ही तो पाइप लाइन काम करने के लिए जल निगम की निगाहें खुली है और ना ही वार्ड पार्षद राकेश वह तो बिल्कुल ही अनदेखा करते हैं उनके वार्ड में तो नगर निगम का पैसा खाकर बैठे हैं क्योंकि नाली नहीं बना पाए ना नाला बना पाए ना सड़क बना पाए ना कर्मचारियों को उनके वर्क करने के लिए सामान दिला पाए सब पैसा खा जाते हैं जो नगर निगम समान देती है झाड़ू चांगला ठेला वह सब पैसा जेब में होता है किसी कर्मचारी को सामान नहीं मिला होता है और सुपरवाइजर वे सेनेटरी इंस्पेक्टर भी इसमें शामिल होते हैं क्योंकि एरिया सुपरवाइजर और इंस्पेक्टर का काम है उसको कराना ताकि कर्मचारी को मुसीबत ना होए एक बार पार्षद 5 साल के लिए है लेकिन सेनेटरी इंस्पेक्टर का तो पता ही नहीं चल पाता है कि वह कब तक रुके सरकारी है सुपरवाइजर सरकारी है फिर भी उनकी नजर मैं आता नहीं मैवार्ड 67 कैलाशपुरी क्षेत्र गढ़ रोड राकेश पार्षद के अंडर आता है राकेश पार्षद को नहीं दिखता है और ना ही जल निगम अधिकारियों को नौचंदी गांधी आश्रम चॉप्ले के बिल्कुल सामने यह दो गड्ढे खोदकर डाल रखे हैं इसमें अनहोनी होने का अंदेशा है कोई भी हादसा किसी भी वक्त हो सकता है किसी की भी जान जा सकती है और ना ही तो पाइप लाइन काम करने के लिए जल निगम की निगाहें खुली है और ना ही वार्ड पार्षद राकेश वह तो बिल्कुल ही अनदेखा करते हैं उनके वार्ड में तो नगर निगम का पैसा खाकर बैठे हैं क्योंकि नाली नहीं बना पाए ना नाला बना पाए ना सड़क बना पाए ना कर्मचारियों को उनके वर्क करने के लिए सामान दिला पाए सब पैसा खा जाते हैं जो नगर निगम समान देती है झाड़ू चांगला ठेला वह सब पैसा जेब में होता है किसी कर्मचारी को सामान नहीं मिला होता है और सुपरवाइजर वे सेनेटरी इंस्पेक्टर भी इसमें शामिल होते हैं क्योंकि एरिया सुपरवाइजर और इंस्पेक्टर का काम है उसको कराना ताकि कर्मचारी को मुसीबत ना होए एक बार पार्षद 5 साल के लिए है लेकिन सेनेटरी इंस्पेक्टर का तो पता ही नहीं चल पाता है कि वह कब तक रुके सरकारी है सुपरवाइजर सरकारी है फिर भी उनकी नजर मैं आता नहीं मै
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